Madhu varma

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लेखनी कविता - बैड वाले - बालस्वरूप राही

बैड वाले / बालस्वरूप राही


बैड बजाने वाले आए,
तरह तरह के बाजे लाए।

ठाठ-बाट इनके क्या कहते,
रंग-बिरंगे वर्दी पहने,
बने-ठने ये सजे-सजाए,
बैड बजाने वाले आए।

मीठी ताने कभी सुनाते,
कभी ढमाढम ढ़ोल बजाते,
भारी भरकम बैंड उठाए,
बैड बजाने वाले आए।

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